
जैसे जैसे नवयुवक बढ़ा होता जाता हैं वैसे वैसे उसके मन में यौन और यौनिकता से संबंधित बहुत सारे सवाल और जिज्ञासा घर बनाने लगते हैं. ऐसी ही एक जिज्ञासा भरा टॉपिक हैं हस्तमैथुन. अक्सर लोग इस बात को लेकर दुविधा में रहते हैं कि यह लाभकारी हैं या हानिकारक? यदि आप के मन मे भी इस से संबंधित चिंता एवं जिज्ञासा हैं तो आइये जाने हस्तमैथुन के बारे में कुछ प्रसन और उसके उत्तर.
क्या हैं हस्तमैथुन?
हस्तमैथुन करने का अर्थ है, अपने शरीर के अंगों को इस तरह से छूना या सहलाना जिससे आप चरम आनंद महसूस कर सकें. हस्तमैथुन सबसे सुरक्षित सेक्स की तकनीकों में से एक है. यह स्वयं आनंद प्राप्त करने का एक तरीका है जिसमें एचआईवी या यौन संचारित संक्रमण या गर्भधारण का कोई ख़तरा नहीं होता है. यौन चिकित्सकों का मानना है कि यदि आप स्वयं के साथ एक स्वस्थ यौन संबंध बनाने में सक्षम होते हैं तो संभावना है की आप दूसरों के साथ ज़्यादा आनंद अनुभव कर सकेंगें.
क्या हस्तमैथुन करना हानिकारक है?
हस्तमैथुन आनंददायक एवं पूरी तरह हानिरहित क्रिया है. महिलाएँ एवं पुरुष दोंनों ही हस्तमैथुन करते हैं. कोई कितनी बार हस्तमैथुन करते हैं इस बात का तब तक कोई फ़र्क नहीं पडता जब तक यह उनके दैनिक कामों में बाधा न उत्पन्न करे या इसमें किसी को भी उनकी मर्ज़ी के खिलाफ़ शामिल न किया गया हो. हस्तमैथुन का सेक्स जीवन पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है. यह व्यक्ति के अधिकारों के निहित एक जायज़ क्रिया है और हस्तमैथुन करने से कमज़ोरी नहीं होती, विकास नहीं रुकता, मुहांसे नहीं निकलते और कोई भी मनोवैज्ञानिक ‘विकार’ नहीं होते.
क्या हस्तमैथुन करने से वीर्य की कमी होती है?
क्या इससे मेरी प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ेगा?
वीर्य में शुक्राणु, द्रव्य एवं प्रास्टाग्लैंडिन नामक पदार्थ होते हैं. अंडकोष में लगातार वीर्य का उत्पादन होता रहता है. जबकि पुरुष के शरीर में किशोरावस्था के बाद लगातार वीर्य का उत्पादन होता रहता है, इसे शरीर में संग्रहीत करने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होता, इसलिए हस्तमैथुन करने से शुक्राणु के उत्पादन पर कोई असर नहीं होता. हस्तमैथुन आनंददायक एवं पूरी तरह हानिरहित क्रिया है और इससे वीर्य की कमी नहीं होती. अतः प्रजनन क्रिया पर भी इसका कोई असर नहीं होता.