
जब कोई व्यक्ति अपने सेक्स करने की इच्छा या चाहत को अपने काबू में नहीं कर पाता है तब सेक्स करने की प्रक्रिया अपने हर स्तर को पार कर जाती है, उसको सेक्स एडिक्ट कहेंगे.
जो व्यक्ति सेक्स एडिक्शन के बीमारी से ग्रस्त होता है उसके व्यवहार, चिंतन, इच्छा सब में सेक्स करने की इच्छा जागृत होती है. वे अपने सेक्स के चिंता को काबू में नहीं कर पाता है. जब तक कि वह यौन सुख न प्राप्त कर लें उसको शांति नहीं मिलती है. वह इस असहनीय परिस्थिति को नियंत्रित ही नहीं कर पाता है.
तो क्या उसे समाज से बाहर निकाल देना चाहिए? पहले तो उससे घृणा न करके उसका साथ दें. अगर वह व्यक्ति अपने चिंता को काबू में नहीं कर पा रहा है तो अपने परिवार वालों या दोस्तों के साथ अपने बातों को शेयर करें. एडिक्शन के पहले अवस्था में काउन्सेलिंग करने पर ठीक होने की संभावना रहती है मगर मर्ज पुराना हो जाने पर दवा और डॉक्टर की ज़रूरत होती है.
दवाईयों और काउनसेलिंग की मदद से इस समस्या से राहत पाई जा सकती है. जीवन शैली में बदलाव और अपने दोस्तों के मदद से भी इस समस्या को कुछ हद तक संभाला जा सकता है.