
न्यूयॉर्क: विदेश जगत से प्राप्त हो रहे समाचार के मुताबिक पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता पीटर जे. सेंडर ने बताया कि टेस्टोस्टेरोन ट्रायल के नतीजे से यह साफ हो गया है कि टेस्टोस्टेरॉन थेरेपी बुजुर्ग दंपत्तियों में न सिर्फ उनकी यौन इच्छा को बढ़ाती है बल्कि उसके साथ-साथ इन बुजुर्गो के लिए टेस्टोस्टेरॉन थेरेपी की प्रक्रिया से ओर भी बदलाव देखे गए है जैसे कि उनकी चलने-फिरने की क्षमता, ऊर्जा स्तर और संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है।
इस मामले में पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता पीटर जे. सेंडर ने अपने एक बयान में कहा है कि हमने जब इसके लिए 65 साल के ऊपर के पुरुषों का टेस्टोस्टेरॉन इलाज की प्रक्रिया को दोहराया तो हमे उनके यौन क्रियाकलाप के स्तर में सुधार देखा गया, उनका मूड बेहतर हुआ और अवसाद ग्रस्तता के लक्षण दूर हुए।
इस दौरान हमने देखा की इस थेरेपी के तहत जिन बुजुर्गो को टेस्टोस्टेरोन थेरपी एक साल तक दी गई, उनकी यौन गतिविधियों, यौन इच्छाओं और इरेक्टाइल कार्यप्रणाली में प्लेसबो (झूठी दवाई) दिए जानेवाले बुजुर्गो की तुलना में बढ़ोतरी देखी गई.
पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता पीटर जे. सेंडर ने बताया कि पुरुषो की उम्र में जैसे जैसे बढ़ोतरी होती जाती है वैसे वैसे उनका टेस्टोस्टेरॉन का स्तर घटता जाता है. जिसके कारण उनमे जल्दी थकान व यौन क्षमता में कमी महसूस होने लगती है.