
योनि स्त्राव एक सामान्य प्रक्रिया है, जो कि मासिक चक्र के अनुसार बदलती रहती है. लेकिन पीले या हरे रंग का स्राव होने पर इसे सामान्य नहीं माना जाता. ऐसा होना बीमारी का लक्षण है. इस तरह का स्राव दर्शता है कि योनि में कहीं तीव्र संक्रमण है. आइये जाने योनि स्त्राव क्या है और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है.
ग्रीवा से निकलने वाले म्युकस का बहाव योनिक स्राव कहलाता है। अगर स्राव का रंग, गन्ध या गाढ़ापन सामान्य न हो अथवा इसकी मात्रा बहुत अधिक हो जाए तो यह समस्या का कारण बन सकता है
योनिक स्राव के उपचार:
योनिक स्राव से बचने के लिए जननेन्द्रिय क्षेत्र को साफ और शुष्क बनाए रखना जरूरी होता है. इस समस्या से बचने के लिए योनि को बहुत भिगोना नहीं चाहिए. दरअसल बहुत सी महिलाएं सोचती हैं कि माहवारी या सम्भोग के बाद योनि को पानी से खूब साफ कर वह किसी समस्या से बच सकती हैं. जबकि इससे योनिक स्राव और भी बिगड़ जाता है, क्योंकि उससे योनि पर छाये स्वस्थ बैक्टीरिया मर जाते हैं जो कि उसे संक्रामक रोगों से बचाते हैं. इसके अलावा योनि पर किसी प्रकार के दबाव से बचें. योन सम्बन्धों से होने वाले रोगों से बचने और उन्हें फैलने से रोकने के लिए कंडोम का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए. मधुमेह का रोग हो तो रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखना चाहिए.