
भारतीय समाज में चूंकि सेक्स के टॉपिक पर खुलेआम बातें नहीं की जाती हैं, इसलिए अक्सर लोग हकीकत से पूरी तरह वाकिफ नहीं हो पाते और भ्रम के शिकार हो जाते हैं. लोगों की जानकारियां ज्यादातर सुनी-सुनाई बातों पर आधारित होती हैं. अधकचरे सेक्स गाइड या विज्ञापनों से भी कोई फायदा नहीं मिलता. ऐसे में यौन शक्ति बढ़ाने के चक्कर में लोग गलतियां कर बैठते हैं.
टॉनिक की तरफ भी आकर्षित होते हैं लोग:
कुकुरमुत्ते की तरह छाए टॉनिक के विज्ञापनों भी लोगों का ध्यान इस ओर खींचते हैं. यह कवायद भी बेकार साबित होती है. इन टॉनिकों के बारे में एक कहावत भी है, 'टॉनिक पीजिए और सुनहरा पेशाब कीजिए'.
कुछ चीजों के खान-पान में परहेज:
पुरानी विद्याओं के मुताबिक यह माना जाता है कि खट्टी चीजें खाने से वीर्य पतला होता है और इससे काफी नुकसान होता है. सुनी-सुनाई बातों के आधार पर लोग कुछ चीजों से परहेज करते हैं. अचार, खटाई, गोलगप्पे आदि ऐसी की चीजों में शुमार हैं.
तंत्र-मंत्र या टोटकों का सहारा:
अंधविश्वास के शिकार लोग तंत्र-मंत्र और टोने-टोटकों का भी सहारा लेते हैं. कुछ जानवरों के अंग ताबीज बनाकर धारण करने की बात भी किताबों में पाई जाती है. कई बार लोग बाबाओं के चक्कर में पड़कर बुरी तरह ठगे जाते हैं और इनसे पिंड नहीं छूटने पर कंगाल तक हो जाते हैं.