
हालिया सर्वे से पता है कि लोग सोचते हैं कि सेक्स दिमाग में होता है. नए सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि लोग सेक्स को लेकर कुछ ज्यादा सोचते हैं, जबकि रियल लाइफ कुछ और ही होती है. अच्छे मूड में अक्सर लोग यह सोचते हैं कि उन्होंने कितनी बार सेक्स किया. वहीं, महिलाएं पुरुषों की तुलना में सेक्स में ज्यादा दिलचस्पी लेती हैं. पुरुष सेक्स में उतनी रुचि नहीं लेते, जितना कि इसके बारे में सोचते हैं. एक सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि लोग जितना समय सेक्स करने में खर्च करते हैं उतना ही उसके बारे में सोचते भी हैं.
30 दिन तक लगातार 202 लोगों पर किए गए सर्वे में शोधकर्ताओं ने यह पूछा कि वो सेक्स के बारे में कितना सोचते हैं. सभी से एक ऑनलाइन डायरी में यह दर्ज करने को कहा गया. एक महीने के बाद फिर उनसे कहा गया कि वह याददाश्त के आधार पर बताएं कि इस दौरान उन्होंने कितनी बार सेक्स किया. उनके उत्तरों से यह स्पष्ट हुआ कि पांच में से एक व्यक्ति ने अपनी कल्पना और फैंटेसी के हिसाब से बहुत ही कम सेक्स किया था. ऐसे लोग महज 0.7 फीसदी थे, जिन्होंने औसत से कुछ ज्यादा बार सेक्स किया था.
शोधकर्ताओं ने यह पाया कि खुशमिजाज किस्म के लोगों ने अपनी सेक्शुअल एक्टिविटी के बारे में कुछ बढ़-चढ़कर बताया. इस शोध से यह भी पता चला कि लोग इस तरह के मामले में या तो छुपाते हैं या फिर गलत जानकारी देते हैं.