
सेक्स एक ऐसा विषय है जिस पर लगातार शोध आज भी जारी है. इस पर पहले भी काफी कुछ लिखा जा चुका है साथ ही ऐसे कई शोध हो चुके है जिनमें पुरुष तथा महिलाओ के सेक्स सम्बंधित अलग-अलग विचार जाने गए.
तो आइये हम आपको महिलाओ पर किये ऐसे रिसर्च के बारे में बताते है जिससे यह पता चल पाया है कि सेक्स के दौरान महिलाए अपने पार्टनर से क्या चाहती है. इस सम्बन्ध में सेक्स से जुड़े विषय के एक्सपर्ट्स के अलावा 700 से ज्यादा महिलाओं ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए हैं.
अहिस्ता-अहिस्ता, आराम से : सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि उसके बेहद कोमल अंगों को शुरुआती दौर में ज्यादा तकलीफ न दी जाए. महिलाएं पुरुषों से चाहती हैं कि वे उसके सेंसिटिव अंगों के साथ संवेदनशीलता से ही पेश आएं. मतलब यह कि संभोग के दौरान वे चाहे तो जीभ व उंगलियों का इस्तेमाल करके जरूरी उत्तेजना पैदा करें, पर कष्ट देने से बाज आएं.
वातावरण के अनुसार : शोध के दौरान 50 फीसदी महिलाओं ने स्वीकार किया कि संभोग के दौरान अनुकूल मौसम व वातावरण न होने की वजह से वे चरम तक न पहुंच सकीं. महिलाओं ने माना कि दरअसल पुरुषों के ठंडे पांव की वजह से उन्हें ज्यादा तकलीफ होती है. डॉ. होल्सटेज ने कहा कि सेक्स के दौरान वातावरण भी काफी मायने रखता है. अगर कमरे का तापमान अनुकूल रहता है, तो यह सेक्स का मजा बढ़ा देता है.
सेक्स पॉजिशन : ऑस्ट्रेलियन सेक्स रिसर्चर जूलियट रिचटर्स कहती हैं कि सर्वे में शामिल पांच में से केवल एक महिला ने माना कि वे केवल एकदम नॉर्मल तरीके से किए गए संभोग से ही चरम तक पहुंच जाती हैं. ज्यादातर युवा महिलाओं का मानना था कि वे अपने पार्टनर से चाहती है कि वे सेक्स के दौरान अपने हाथ और मुंह का भी ज्यादा इस्तेमाल करें. उन्हें अपनी किताब के लिए 19 हजार लोगों पर किए गए सर्वे के दौरान इस तथ्य का पता चला.90 फीसदी से ज्यादा महिलाओं ने माना कि वे केवल सेक्स के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मुख का भी इस्तेमाल किए जाने के बाद चरम तक पहुंचती हैं.
रिसर्च में पाया गया कि जब कामक्रीड़ा आरामदायक तरीके से, धीरे-धीरे, पर लगातार किया जाता है, तो जोड़े चरम तक जल्दी पहुंच जाते हैं.
संवेदनशील अन्य अंगों को पहचानें : सेक्स पर शोध करने वालों ने पाया है कि केवल G-स्पॉट ही आनंद देने के लिए पर्याप्त नहीं है, बल्कि महिलाओं के शरीर में और भी ऐसे भाग हैं, जहां संवेदना ज्यादा होती है. इसमें A- स्पॉट भी शामिल है, जहां सहलाने से महिलाओं का शरीर यौन क्रिया के लिए शारीरिक रूप से तैयार हो पाता है. इस काम में उंगलियों की कारस्तानी काम आती है.
चरम तक पहुंचा ही जाए यह जरुरी नहीं : महिला हर बार चरम तक पहुंच ही जाए, यह कोई जरूरी नहीं है. कई बार तनाव व थकान की वजह से ऐसा नहीं हो पाता. ऐसे में जबरन आधे घंटे तक ‘खेल’ जारी रखने की बजाए इसे खत्म करना बेहतर रहता है. चरम तक न ले जाने के लिए हर बार पुरुष ही जिम्मेदार नहीं होता. फिर भी अगर महिला चाहे, तो आप अपने हाथों और उंगलियों से उसे संतुष्ट कर सकते हैं. कुल मिलाकर इस क्रीड़ा का आनंद ही मायने रखता है.