
हस्तमैथुन की आदत से पीड़ित व्यक्ति जब इस जघन्य काम को छोड़ देता है तो नाड़ियों की दुर्बलता व शक्तिहीनता तथा कामांगों के अत्यधिक क्षुब्ध होने के कारण उसे अस्वाभाविक रूप से स्वप्नदोष होने लगता है. फिर स्वप्नदोष एक रोग बन जाता है.
इन बातों का रखे ध्यान:
1. कुविचारों को मन में स्थान नहीं देना चाहिये. अपने आप को किसी कार्य में व्यस्त रखना चाहिये.
2. दिन में सोना और रात को जागना हानिकारक है.
3. अति मैथुन और हास्य विलास आदि कामोत्तेजक वातावरण से दूर रहना चाहिये
4. स्नान प्रतिदिन करना चाहिये.
5. रात को सोते समय हाथ-पैर और मुंह शीतल जल से धोयें
6. रात्रि भोजन शाम को ही कर लेना चाहिए.